Wednesday, April 16, 2014

तेरा हुस्न

तेरी आँखों को अगर झील कहू तो सोचता हूँ,
क्या झील कभी इतनी गहरी हो सकती है?

तेरी जुल्फों को अगर घटा कहूं तो सोंचता हूँ,
क्या घटा कभी इतनी काली हो सकती है?

तेरे गालों को अगर गुलाब कहूं तो सोंचता हूँ,
क्या गुलाब कभी इतना कोमल हो सकता है ?

और क्या तारीफ़ करूँ मै तेरे हुस्न की, मुझे तो पता है,
तेरी हर एक अदा किसी अदा से निराली हो सकती है...

Wednesday, June 27, 2012

मोहब्बत...


मोहब्बत तो मुझे हर रोज होती है...
लेकिन मेरी मजबूरी तो समझिए...
वो शख्स हमेशा वही होता है..
मेरी आँखे बंद भी होती हैं
फिर भी दीदार उसी का होता है...

Sunday, April 29, 2012

इश्क...

कैसा गम है, जो की जाता ही नहीं,
रहम कमबख्त को आता ही नहीं..
लोग तो और भी हैं इस जहाँ में,
मेरा दर छोड़ के जाता ही नहीं...
जुड़ा है यूँ मेरे नसीब के साथ,
और कोई इससे भाता ही नहीं..
वफ़ा की एक मिसाल तो ये भी है,
वर्ना इश्क ऐसे तो कोई निभाता नहीं..

Tuesday, April 24, 2012

तेरी तस्वीर..

गालों पर आंसुओ की लकीर बन गयी,
जैसा न सोंचा था, वैसी तकदीर बन गयी
हमने तो फिराई थी रेत पर ऊँगली,
गौर से देखा तो आपकी तस्वीर बन गयी..

Wednesday, March 21, 2012

बस तुम...

जब से मिला हूँ तुमसे,
दिल कही खो सा गया है..
तुम्हारी नज़रों के लहजे में,
कही अटक सा गया है..

सोचता हूँ, अगर तुम बेवफा निकले तो,
बात न करूँगा..
लेकिन इन बातों का तो,
जैसे चस्का लग सा गया है..
जब से मिला हूँ तुमसे,
दिल कही खो सा गया है..

दुनिया की जमघट में,
जो खो न सके,
तुम्हारी शोखियो में कही
खो सा गया है..

समंदर की लहरों में भी
जो डूब न सके,
तुम्हारी बातो में ये,
डूब ही गया है..
जब से मिला हूँ तुमसे,
दिल कही खो सा गया है..

Monday, February 20, 2012

तेरी बोली

तेरी बोली कानो में मिश्री सी घोल जाती है
तेरी याद दिल में एक तूफ़ान सा चला जाती है
तेरे दूर होने का मुझे एहसास नहीं होता
जब तेरी याद मेरी आँखों में समा जाती है